जब ब्लॉक मुख्यालय का यह हाल हैं……
संदीप प्रताप सिंह
गाज़ीपुर, मरदह |स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर से लेकर गांव तक सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया गया था, ताकि लोग खुले में शौच के लिए न जाएं और बाहर से आने वाले लोग भी सामुदायिक शौचालयों का उपयोग कर सकें पर लाखों रुपये खर्च करके बनाए गए इन अधिकांश शौचालयों में ताले लटके हैं जब ये मरदह ब्लॉक मे आयुर्वेदिक चिकित्सालय से पीछे बने सामुदायिक शौचालय पर जाने पर भी ताला लटका मिला जब ब्लॉक मुख्यालय ये हाल हैं तो ब्लॉक मुख्यालय के अंतर्गत अन्य गांव का क्या हाल होगा लाखों खर्च करने के बाद भी सामुदायिक शौचालय शोपीस ही हैं । करीब तीन साल पहले बनाकर तैयार कर दिया गया, लेकिन आज तक इसे खोला नहीं गया।
अधिकतर रहता है बंद : आयुर्वेदिक चिकित्सालय मरदह के पीछे बना सामुदायिक शौचालय सफेद हाथी साबित हो रहा है। वह कभी खुलता ही नहीं । अधिकांश समय उस पर ताला लगा रहता है। इसकी वजह से लोग उसका उपयोग नहीं कर पाते हैं। कई बार तो लोगों को खुले में जाने पर मजबूर होना पड़ता है।
सत्ता समर्थित नेता मरदह मे तो बहुत हैं, मगर इस सामुदायिक शौचालय का कोई शुद् लेने वाला नहीं है आसपास के लोगों से पूछा गया तो लोग बताएं कि यह जब से बना है तब से हम लोग आज तक कभी उपयोग नहीं किये हैं |