उत्तराखंड

Dehradun Nagar Nigam: नहीं सुधरी रैंकिंग, इस बार भी कचरामुक्त शहर की श्रेणी में Dehradun को मिले तीन स्टार

Dehradun नगर निगम को कूड़ा-मुक्त शहर बनाने के लिए और कई कदम उठाने होंगे: स्वच्छता सर्वेक्षण-2023 में केवल तीन सितारे। Dehradun नगर निगम ना तो दरवाजे से दरवाजे कचरा इकट्ठा करने की प्रणाली में सुधार कर पा रहा है और ना ही सुखा और गीला कचरा अलग-अलग करने की प्रणाली में सुधार कर पा रहा है। इसका परिणाम है कि स्वच्छता सर्वेक्षण में, इसने पिछले दो वर्षों से कूड़ा-मुक्त शहर के श्रेणी में अपनी रैंक में सुधार नहीं किया है। 2022 में, दून ने इस श्रेणी में सात सितारों में से तीन सितारे प्राप्त किए थे और इस बार भी उसने केवल तीन सितारे ही प्राप्त किए हैं।

Dehradun शहर को अपनी रैंकिंग में सुधारने और दून को एक कूड़ा-मुक्त शहर बनाने के लिए बहुत कुछ करना होगा। सबसे पहले दरवाजे से दरवाजे कचरा इकट्ठा करने की प्रणाली को मजबूत करना होगा। इसके बाद, लोगों को सुखा और गीला कचरा अलग-अलग फेंकने की आदत डालनी होगी। तभी तक दून को कूड़ा-मुक्त शहर में अच्छी रैंक मिल सकती है। वास्तव में, दून का प्रदर्शन स्वच्छता सर्वेक्षण-2023 में अपेक्षित से कहीं कम रहा।

नगर निगम का लक्ष्य था कि वह दून को श्रेणी के शीर्ष 50 शहरों में शामिल करें, लेकिन पिछली बार की तुलना में नगर निगम ने केवल एक अंक से सुधार कर पाया है। पिछली बार दून की रैंकिंग 69वीं थी, जो इस बार एक अंक से बेहतर करके 68वीं पर पहुंची है। रैंकिंग में सुधार के लिए मुख्य कारण डंप वेस्ट के योग्य निर्माण, दरवाजे से दरवाजे कचरा इकट्ठा और सुखा और गीला कचरा अलग करने के लिए मजबूत प्रणाली की कमी है। ये तीन प्रणालियाँ ऐसी हैं जिन्हें मजबूत किया जाए, तो कोई भी दून को एक कूड़ा-मुक्त शहर बनाने से रोक नहीं सकता है।

सार्वजनिक सहयोग के बिना सुधार नहीं हो सकता।

लोगोँ को भी देहरादून को साफ बनाने में योगदान देना होगा। अपने घरेलू कचरा को यहां-वहां फेंकने की बजाय, लोगों को इसे नगर निगम के कचरा वाहनों में ही डालना होगा। इसके अलावा, सुखा और गीला कचरा अलग-अलग करने की आदत डालनी होगी। जब तक लोग इसे अपनी आदतों में शामिल नहीं करते, तब तक दून को इंदौर की तरह स्वच्छ शहरों की श्रेणी में नहीं लाया जा सकता।

दरवाजे से दरवाजे कचरा इकट्ठा करने की प्रणाली को मजबूत करने पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए पर्याप्त संसाधन एकत्र किए जा रहे हैं। अब कंपनियों की दैनिक निगरानी हो रही है। इसकी जिम्मेदारी को सहायक नगर आयुक्त को सौंपी गई है जो नियमित रिपोर्ट प्रदान कर रहे हैं। जनता से भी अपील है कि वह अपना कचरा नगर निगम के वाहनों में डालें और सुखा और गीला कचरा अलग-अलग दें। तभी दून को देश के सबसे स्वच्छ शहरों में शामिल किया जा सकेगा।

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