उत्तर प्रदेश

नहीं हो सकी पूरी जाँच शिकायतकर्ता को गुमराह किये जाँच अधिकारी

गाज़ीपुर | मरदह विकासखंड के जरगो खास गांव में शनिवार को डीएम के निर्देश पर पांच सदस्यीय जांच टीम सीवीओ के नेतृत्व में पहुंची।टीम ने स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत बनाए गए शौचालय की जांच शुरू की,लेकिन देर शाम तक अभिलेख उपलब्ध न होने से पूर्ण नहीं हुआ। इसके बाद टीम वापस लौट गई।ग्राम पंचायत में वित्तीय वर्ष 2015 से 2020 में कराएं गए शौचालय निर्माण, नाली निर्माण, प्रधानमंत्री मंत्री आवास, ह्यूम पाइप निर्माण सहित अन्य कार्यों में सरकारी धन के दुरूपयोग किए जाने कि शिकायत पिछले दिनों गांव के घुरहू राम, दीनदयाल कुशवाहा,बृजेश कुशवाहा सहित कई लोगों ने शपथ पत्र के माध्यम से जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री पोर्टल पर किया था। मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम आर्यका अखौरी ने जांच कमेटी गठित करके भौतिक सत्यापन करने का निर्देश दिया था। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि गांव में स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत अपात्र लोगों का शौचालय बनाने के नाम धन उतार लिया गया है।पात्र व्यक्तियों को आवास न देकर जो गांव का निवासी ही नहीं है उसे दो- दो प्रधानमंत्री आवास दे दिया गया और पैसा उतार लिया गया है।आरोप लगाया था कि इसमें प्रधान,सचिव के साथ ही ब्लाक के कर्मचारी जिम्मेदार है।डीएम के निर्देश पर पहुंचे जांच अधिकारी मुख्य पशु चिकित्साधिकारी

अरविन्द शाही ————————————–

 

ने बताया कि विकास कार्यों में हुई अनियमितता एवं शासकीय धनराशि के दुरूपयोग की जांच करने के लिए पांच सदस्यीय टीम ने गांव में जाकर स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत बनाए गए शौचालय का भौतिक सत्यापन शुरू किया,जो सुबह से लेकर देर शाम तक चली,लेकिन पूरी नहीं हो सकी।तीन से चार दिन में जांच प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है।

 

भ्रष्टाचार की जांच को लेकर गांव में सुबह से शाम तक रही भारी गहमागहमी की स्थिति। सुरक्षा की दृष्टि से मौके पर पुलिस रही मुस्तैद।

शनिवार की सुबह तय समयावधि में

10 बजे जॉच अधिकारी,बिरनो पुलिस के साथ ग्राम सभा जरगो खास पहुंचे।विकास कार्य की जॉच के समय अधिकारी व एक शिकायतकर्ता दीनदयाल सिंह कुशवाहा‌‌ व प्रधान,सचिव को साथ लेकर जांच प्रारंभ किए, लेकिन सचिव व प्रधान पति के पास किए गए कार्य का लेखा जोखा न होने के कारण जॉच विधिवत नही हो पाई।शिकायतकर्ता के द्धारा प्रस्तुत आरटीआई के माध्यम से मिले हुए विवरण को प्रधान ने नकार दिया।जबकि विवरण आरटीआई के माध्यम से मिले कागजात में गांव में व्यक्तिगत शौचालय पर 34,66,215 रुपए खर्च हुआ है।ग्राम सभा में 286 शौचालय बनने के लिए भुगतान हुआ है।अर्थात 286 शौचालय आया था।जिसमे एक ही परिवार में चार पांच शौचालय प्रधान व सचिव के द्धारा दिया गया है।उसके बाद भी सचिव व प्रधान पति द्वारा शौचालय का लिस्ट भी जांच अधिकारीगण को नही दिया गया।जिस कारण शौचालय की भी जांच नही हो सकी।जॉच अधिकारीगण 26 अगस्त तक प्रधान व सचिव को ग्राम पंचायत कार्यालय में लेखा-जोखा प्रस्तुत करने का आदेश देकर चलते बने।इसके पूर्व में भी कई बार की जांच में प्रधान व सचिव कोई कागज नही है कह कर अपना बचाव करते आ रहे।सचिव भी अधिकारी के आदेश के बाद भी अनुपस्थित रहते थे।इस बार मौजूद सचिव का कहना था की अभी हम ग्राम सभा का पूर्णतया चार्ज नही लिया हूं।

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